World Dangerous Fighter Jets: दुनिया में एक से बढ़कर एक हथियार बन चुके हैं. हालांकि, फाइटर जेट किसी भी युद्ध की दशा और दिशा बदलने की ताकत रखते हैं. जिस देश के पास जितना शक्तिशाली फाइटर जेट, वो देश उतना ही शक्तिशाली. भारत (India) खुद का तेजस बना चुका है. हालांकि, तेजस अभी दुनिया के टॉप 10 खतरनाक फाइटर जेट्स में शामिल नहीं है, लेकिन भविष्य में उसके अपडेटेड मॉडल इसमें शामिल हो सकते हैं. स्वदेशी आधुनिक लड़ाकू विमान एलसीए तेजस (Tejas) मार्क-2 के 2025 में अपनी पहली उड़ान भरने की संभावना है. यह विमान स्टेल्थ तकनीक पर आधारित होगा. इसमें अलग प्रकार की तकनीक और धातु का इस्तेमाल किया जाता है. यह 5.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा. भारत इसके 2040 तक भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. यह दो इंजनों वाला बहुउद्देशीय विमान होगा. भारत इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है. इसके बावजूद भारत के पास अभी दुनिया के 2 सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स हैं. यहां जानिए दुनिया के टॉप 10 फाइटर जेट्स के बारे में...शुरू करते हैं दसवें नंबर से...
10. SU 30, SU 35 और SU 37
रूस के सुखोई Su-30, Su-35 और Su-37 रूस के Su-27 प्लेटफॉर्म पर आधारित हैं. इन्हें अपग्रेड कर 4.5 पीढ़ी तक का बना दिया गया है. Su-35S अभी सबसे अपडेट है. भारत ने Su-30 को अपडेट किया है. रूस के ये सभी विमान कई युद्ध लड़ चुके हैं और दुनिया में अपना लोहा मनवा चुके हैं. यहां तक की इनके सामने स्टेल्थ तकनीक तकनीक वाले विमान भी घबराते हैं. कारण स्टेल्थ तकनीक का फायदा सिर्फ इतना है कि इन्हें रडार नहीं पकड़ पाते, लेकिन एक बार पता चल जाए तो रूस के ये लड़ाकू विमान उन्हें भी पसीने ला सकते हैं.
9. यूरोफाइटर टाइफून
यूरोफाइटर टाइफून (Eurofighter Typhoon) को UK, Germany, France, Italy और Spain ने मिलकर बनाया है. टाइफून चौथी पीढ़ी के जेट माने जाते हैं. इसका अपडेटेड वर्जन ट्रैंच 4 है. इसे यूरोप के कई देशों के साथ सउदी अरब और कतर भी इस्तेमाल करते हैं. ये भी कई युद्धों में शामिल हो चुका है और काफी खतरनाक माना जाता है.
8. राफेल
डसॉल्ट राफेल (Rafale) और यूरोफाइटर टाइफून काफी हद तक एक जैसे हैं, खास तौर पर इसलिए क्योंकि इनका विकास एक ही विमान के रूप में शुरू हुआ था. हालांकि, 1980 के दशक के मध्य में फ्रांस ने अपनी जरूरतों के लिए एक अलग लड़ाकू विमान बनाने का फैसला किया. टाइफून के विपरीत, राफेल का एक ऐसा संस्करण मौजूद है जो विमानवाहक पोत पर उतर सकता है. यह हवा से लॉन्च किए जाने वाले परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. राफेल का F3 अपडेटेड वर्जन है. राफेल 4 पर काम हो रहा है. ये भारत के पास भी है. राफेल भी जंग में अपना जौहर दिखा चुका है और इसके सामने अच्छे-अच्छे विमान पानी मांगते हैं.
7. एफ-15 ईगल
बोइंग एफ-15 (F 15) ईगल चौथी पीढ़ी के पहले लड़ाकू विमानों में से एक है. यह दुनिया का एकमात्र ऐसा लड़ाकू विमान है जिसने 100 से ज़्यादा एयर-टू-एयर मार गिराए हैं और हवा से हवा में कोई नुकसान नहीं हुआ है. इसे लगातार अपग्रेड भी किया गया है, इसके नए वेरिएंट में सबसे उन्नत तकनीकें शामिल हैं. बोइंग द्वारा विकसित F-15EX ईगल II, जेट का अपडेटेड वर्जन है. अमेरिका का ये विमान काफी खतरनाक है.
6. J-20
2017 में पेश किया गया चीन का पहला 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट J-20 माइटी ड्रैगन एक भारी शक्तिशाली फाइटर है, जिसे F-22 और Su-57 को टक्कर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस विमान पर वर्तमान में एक नए अधिक शक्तिशाली इंजन का भी परीक्षण किया जा रहा है. चीन इसे अमेरिका के एफ 22 के बराबर ताकतवर बताता है. हालांकि, इसने एक भी युद्ध नहीं किया है और इसे लेकर सिर्फ चीन के दावे हैं. मगर इसकी तकनीक के चलते इसे छठे नंबर पर रखा गया है.
5. KAI KF-21 बोरामे
इंडोनेशिया के साथ साझेदारी में दक्षिण कोरिया द्वारा निर्मित KAI KF-21 बोरामे कोरियाई एयरोस्पेस उद्योग में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतिनिधित्व करता है. इस जेट में स्टील्थ सुविधाएं, एक उन्नत AESA रडार सिस्टम और F-35 पर आधारित कुछ तकनीक शामिल हैं, जो इसे 4.5 और 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बीच कहीं रखती हैं. KF-21 ने जुलाई 2022 में अपनी पहली उड़ान भरी, और कई और प्रोटोटाइप वर्तमान में उत्पादन में हैं और परीक्षण के दौर से गुजर रहे हैं. कंपनी का लक्ष्य 2026 में इन जेट को सेना को देना शुरू करना है. दक्षिण कोरिया तकनीक के मामले में काफी आगे है. साथ ही इसे अमेरिका का भी काफी सहयोग मिलता है. इसलिए अभी इस विमान के पूरी तरह ट्रायल पूरे हुए बगैर ही माना जा रहा है कि ये बहुत ताकतवर होगा.
4. जे 35ए
चीन का नया स्टील्थ फाइटर जेट जे 35ए एयरशो चीन 2024 में डेब्यू कर गया है.जे -35 ए (J-35A) मध्यम आकार का मल्टीरोल स्टील्थ फाइटर जेट है. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल हथियार प्रणाली और नए प्रकार के सशस्त्र टोही ड्रोन जैसे नए हथियारों से लड़ने में सक्षम है. चीन इसे अमेरिका के एफ 35 के बराबर दावा कर रहा है. हालांकि, अभी इसे सेना में शामिल होने में भी समय लगेगा. कागजों पर और चीन के दावों की वजह से इसे और जे 20 को सूची में ऊपर रखा गया है, लेकिन राफेल, टाइफून और सुखोई कई युद्धों में अपनी ताकत दिखा चुके हैं.
3. SU-57
सुखोई एसयू-57 फ़ेलॉन रूस का पहला स्टील्थ विमान है. हालांकि, कई समस्याओं और देरी के कारण इसका विकास धीमा हो गया था. आने वाले वर्षों में, एसयू-57 को इसके प्रदर्शन और कई अन्य उन्नयनों को और बेहतर बनाने के लिए एक नया, अधिक शक्तिशाली इंजन मिलने वाला है. यह स्टील्थ विशेषताओं और उन्नत रडार प्रणालियों वाला एक भारी लड़ाकू विमान है. रूस की सेना में अभी ये थोड़ी संख्या में ही शामिल है.
2. F-22
F-22 सेवा में आने वाला पहला 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, और स्टेल्थ फीचर शामिल करने वाला पहला लड़ाकू विमान है. इसके थ्रस्ट-वेक्टरिंग इंजन और उन्नत हथियार प्रणाली इसे नज़दीकी दूरी की हवाई लड़ाई में बढ़त देते हैं, और इसमें दृश्य-सीमा से परे के लिए शक्तिशाली सेंसर भी हैं. इसे सिर्फ अमेरिका की एयर फ़ोर्स (USAF) ही इस्तेमाल करती है.
1. F-35
लॉकहीड मार्टिन का F-35 लाइटनिंग. संयुक्त राज्य अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. 2006 में उत्पादन में प्रवेश करने के बाद से F-35 सबसे बेस्ट फाइटर जेट माना जाता है. इसमें बेजोड़ स्टील्थ फीचर्स, सेंसर फ्यूजन, दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर इंजन, डेटा नेटवर्किंग क्षमताएं और सबसे उन्नत रडार हैं. हालांकि, इसे नंबर एक पर दुनिया के देश और विशेषज्ञ इसलिए रखते हैं क्योंकि F-22 के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. अभी इजरायल यही विमान लेकर ईरान में घुस गया था और ईरान को पता तक नहीं चला था.
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